हत्या का आरोप
वह गुस्से में आया
और मेरी किताबों के पन्ने
हवा में उड़ा दिए
उसे लगा
उसने मेरे वजूद को
धुआँ-धुआँ कर दिया
उसे लगता था
किताबें सर पे चढ़ के
नाचने लगती हैं
जबकि सच यही था
कि वह एक पेड़ की हत्या में
दूसरी बार शरीक था!
वह गुस्से में आया
और
मेरे कपड़ों के लीरे
हवा में उड़ा दिये
उसे लगा
उसने मेरी इज्जत को
तार-तार कर दिया
उसे लगता था सुंदर देहें
उसे बड़ा-सा ठेंगा दिखा के
इतराती रहतीं हैं
जबकि सच यही था
कि वह एक देह की हत्या में
कई-कई बार शरीक था!
इस तरह उस पर
एक पेड़ की दो बार
और एक देह की बार-बार
हत्या का आरोप था!
पेड़ों के समुदाय ने
उसे माफ कर दिया था
आखिरी समय में
उसके लहूलुहान जिस्म के साथ
बस एक पेड़ गया था!
उसे लहूलुहान करने में
एक देह का हाथ था
देहों का समाज
अभी इतना बड़ा नहीं हुआ
कि उसे क्षमा कर दे
(और होना भी नहीं चाहिए)
अकेली देह की बात होती
तो और बात थी
एक आत्मा भी थी
जिसकी वजह से
इस देह में नेह था
उस पर
देह के साथ
नेह की हत्या का भी आरोप था!
-पोस्ट ऑफिस लेन, राजेन्द्र कॉलोनी, बाली (पाली) राजस्थान
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