सूर्य प्रकाश मिश्र

 खरा विकास


हुई किरकिरी मुखिया जी की 

बुधुवा ने दरखास दिया है 

 

खड़ा हुआ तहसील दिवस पर 

रटा हुआ सब सुना रहा है 

नहीं पता है बेचारे को 

कोई उसको भुना रहा है 

 

हार गये पिछले प्रधान ने 

बकरा खोज के फाँस दिया है 

 

हाकिम ठहरे बड़े अनुभवी 

सारा किस्सा जान लिया है 

कौन छिपा परदे के पीछे 

कारण को पहचान लिया है 

 

धुआँ हो रहे मुखिया जी से 

नजर मिली तो खाँस दिया है 

 

सुख-दुख अपने हमराही के 

मजबूरी है साथ निभाना 

अब मुखिया के समझ में आया 

क्यों अच्छा है बाँट के खाना 

 

पिटा ढिंढोरा पंचायत का 

उसने खरा विकास किया है!


-बी 23/42, ए के, बसन्त कटरा (गाँधी चौक), वाराणसी 221 001


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